POSTAL EXAM
For Departmental Postal Exams

Postal Manual Valume- VI ,Part III

 106 . प्रधान डाकिये (Head Postman)

  • बड़े डाकघरों में सामान्यतः एक या दो डाकियों को प्रधान डाकिये होते है , जिन्हें तार – मनीआर्डरों का भुगतान करने और खजाने , उप खजाने या बैंक नगर उप – डाकघरों में रुपया पहुंचाने या वहां से रुपया लाने का काम सौंपा जाता है ।
  • अन्य डाकियों द्वारा अदायगी या अस्वीकृत रूप में लौटायी गई वस्तुओं को भी वितरणार्थ ले जायें और अस्थायी रूप से किसी अनुपस्थित डाकिये के काम को भी संभाल लेते है
  • अधिक सुरक्षा के लिए संबंधित पोस्टमास्टर यदि चाहे तो किसी प्रधान डाकिये को किसी ऐसे डाकिये के साथ में जाने का आदेश दे सकता है जिसे कई बीमा – वस्तुएं या कुल मिलाकर पर्याप्त मनीआर्डर अदायगी के लिए सौंपे गये हों ।
  • प्रधान डाकियों को छोटी – मोटी शिकायतों की जांच करने , मनीआर्डरों की अदायगी का सत्यापन करने तथा डाकियों और लेटर – बक्स अटेंडेंट के काम के परीक्षण के लिए फुरसत के समय में ऐसे किसी प्रयोजन या काम पर लगाया जा सकता है

107 . डाक – संबंधी कारोबार की जानकारी (Knowledge of Postal Business)-

  • डाकियों  ने अन्तर्देशीय डाक – शुल्क की दरो , मनीआर्डरों के कमीशन , बीमे के प्रभारों ( चार्ज ) और रजिस्ट्री – फीस की पूरी – पूरी जानकारी रखते चाहीए। 
  • उन फार्मों को भरने में पूर्णतः समर्थ हों जिनसे जनता का सामान्यतः वास्ता पड़ता है , विशेषतः मनीआर्डर और वी० पी० प्रणाली से संबंधित फार्म और साथ ही वे बचत बैंक , डाकघर प्रमाण – पत्र , मनीआर्डर , रजिस्ट्री तथा डाक – संबंधी अन्य प्रणालियों की प्रमुख बातों को खोलकर बताने या परिचय कराने  में भी समर्थ हों । 
  • प्रत्येक डाकिये को उसके अपने इस्तेमाल के लिए जेबी गाइड की एक प्रति दी जाएगी । उसे यह ख्याल रखना चाहिए कि यह कहीं खो न जाए और कार्य भार देते हुए वह इसे भार – मोचक कर्मचारी को सौंप दे

 108 . साथ ले जाए जाने वाले फार्म सप्लाई करना (Supply of Forms to be carried out)-

  •  आवश्यकता पड़ने पर जनता देणे के लिए  जब कोई डाकिया अपनी गश्त पर निकलता है तो उसे अपने साथ मनीआर्डर फार्मों ( अंग्रेजी या स्थानीय भारतीय भाषा में ) और बी०पी० प्रणाली से संबंधित कुछ . फार्मों का स्टाक रखना चाहिए।

 109 . टिकटों की बिक्री (Sale of Stamps)

  •  प्रत्येक डाकिये को , जिससे टिकट बेचने की अपेक्षा की जा सकती है , संबंधित कोषपाल कम मूल्य वाले डाक – टिकटों ( पोस्टकार्डो और उभरे डाक – टिकट लिफाफों सहित ) का थोड़ा स्टाक जनता को बेचे जाने के लिए दे देगा । 
  • डाकिये ने कोषपाल को निर्धारित टिकट अग्रिमों ( एमांसिस के ज्ञापन में अपने नाम के आगे हस्ताक्षर कर एक रसीद दे दे । कार्यालय में लौट आने पर वह डाकिया टिकटों की बिक्री से प्राप्त धन को उक्त कोषपाल को सौंप देगा , जो उस डाकिये को , उससे इस प्रकार प्राप्त किये गये मूल्य के बराबर की रकम के नये टिकट दे देगा ।
  •  संबंधित पोस्टमास्टर प्रत्येक डाकिये को टिकटों में दी जाने वाली राशि निर्धारित करेगा ।

110 . डाकिये की पुस्तक (Postman’s Book) –

  • प्रत्येक डाकिये को अपने पास फार्म एम० एस० – 27 में एक पुस्तक रखनी चाहिए 
  • अपनी गश्त पर जाने से पहले उसे भुगतान या वितरण के लिए दिये गये मनीआर्डरों और अन्य वस्तुओं के बारे में विवरण पोस्टमन बुक मे दर्ज कर लेना चाहिए 

111 . वस्तुओं पर पता लिखना (Address to be noted on postal Article) –

  •  वितरण के लिए उसे सौंपी गयी उन वस्तुओं के पाने वालों के नाम और उनके पतों को जो ऐसी भाषा में हैं जिन्हें वह पढ़ नहीं सकता , पढ़ी जा सकने वाली भाषा में  डाकीयो ने लिखना चाहीए । 
  • उन व्यक्तियों के पतों पर भेजी गयी वस्तुओं को प्राप्त न करे जो अन्य किसी डाकिये की गश्त के अन्तर्गत आती हों , सिवाय इसके कि उसे जमा वस्तुओं में से कोई वस्तु जांच किये जाने के लिए दी गयी हो और ऐसी स्थिति में उस वस्तु को अलग लिखा जाना चाहिए ।
  •  किसी वस्तु की एक डाकिये से दूसरे डाकिये को की गयी अदला – बदली पर , विशेषतः अवितरित रूप से लौटायी गयी वस्तुओं के बारे में सख्त मनाही है , परन्तु संबंधित वितरण डाक सहायक की अनुमति लेकर ऐसा किया जा सकता है ।

112 . क्षतिग्रस्त वस्तुओं पर गौर करना (Damaged Article to be Noted) – 

  • डाकिये का फर्ज है कि वह वितरण के लिए उसे सौंपी गयी प्रत्येक वस्तु की बड़े ध्यानपूर्वक जांच करे और यदि कोई वस्तु खुली या क्षतिग्रस्त अथवा विकृत या छेड़ी हुई मालूम हो , तो इस विषय में तुरंत ही संबंधित पोस्टमास्टर का ध्यान इस ओर आकर्षित करे ।
  •  बीमा वस्तुओं की हालत की देख – भाल करने में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए

113 . वितरण के लिये जारी की गयी वस्तुओं की रसीदें  Receipt of article issued for delivery –

( 1 ) डाकियों को चाहिए कि वे वितरणार्थ उन्हें सौंपी गयी पत्र – डाक और पार्सल डाक की रजिस्ट्री वस्तुओं से संबंधित रजिस्ट्री और पार्सल – सारों ( फार्म आर० पी० – 33 और आर० पी० – 8 ) , प्राप्त वी०पी० वस्तुओं के रजिस्टरों या वितरण – पचियों पर जहां इनका प्रयोग होता हो , अनिवार्य रूप से हस्ताक्षर करें । इन वस्तुओं के बारे _ _ _ में हस्ताक्षर करते हुये संबंधित डाकियों को चाहिए कि वे उन्हें दी गयी वस्तुओं की संख्या , पार्सल डाक – शुल्क या सीमा – शुल्क के कारण उन पर देय एवं उगाही जाने वाली कुल रकम तथा वी० पी० के पाने वालों से वसूल की जाने वाली कुल रकम को भी शब्दों में लिखें । वितरण – पचियों के बारे में संबंधित डाकिये द्वारा ये प्रविष्टियां उक्त पर्ची की अन्तिम प्रविष्टि के नीचे की जानी चाहिए । यदि किसी डाकिये को वितरणार्थ सौंपी गई किसी वस्तु से संबंधित वितरण – पर्ची के ब्यौरे में संबंधित डाक सहायक द्वारा कोई परिवर्तन किया जाना हो , तो इसे संबंधित डाकिये द्वारा भी सत्यापित किया जाना चाहिए ।

( 2 ) इन डाकियों को संबंधित डाक – शुल्क संबंधी लेखे पर भी हस्ताक्षर करने आवश्यक हैं , जो उन्हें सौंपी गई पत्र – डाक की अदत्त – शुल्क देय डाक – भार वाली वस्तुओं को प्राप्त किए जाने के लिए एक पावती होगी , ऐसा करते हुए उन्हें डाक – भार की कुल रकम , जिसके लिए उनकी जिम्मेदारी है , शब्दों और अंकों में लिखनी होगी ।

( 3 ) किसी भी डाकिये को 500 रुपयों से अधिक मूल्य वाली बीमा वस्तु या कुल मिला कर 1000 रुपयों से अधिक मूल्य की एक बीमा वस्तु को वितरणार्थ प्राप्त करने की अनुमति नहीं है । यदि किसी डाकिये को ऐसी कोई वस्तु या वस्तुएं वितरणार्थ सौंपी जाये तो उसे इसकी रिपोर्ट संबंधित पोस्टमास्टर को कर देनी चाहिए । नियम 202 ( 2 ) भी देखें ।

114. वितरित की गयी सूचनाओं और नोटिसों की रसीद – पुस्तक Book Receipts for intimation and notices delivery   

( 1 ) प्रत्येक डाकिये को फार्म आर० पी० – 53 में वितरित की गयी सूचनाओं और नोटिसों की एक रसीद – पुस्तिका रखनी चाहिए , जिसमें डाकिये के अपनी गश्त पर जाने से पूर्व संबंधित पोस्टमास्टर , रजिस्ट्री , पार्सल या मनीआर्डर डाक सहायक द्वारा , जैसी भी स्थिति हो , डाकिये को बितरणार्थ सौंपी गयी निम्न सूचनाओं और नोटिसों के ब्योरे दर्ज किये जायेंगे : बीमा वस्तुओं से संबंधित सूचनाएं ; 100 रुपये से अधिक मूल्य की बी० पी० वस्तुओं से संबंधित सूचनाएं ; बागानियों को अदा किये जाने वाले मनीआर्डरों से संबंधित नोटिस ; उन वस्तुओं से संबंधित नोटिस जिनकी अन्तर्वस्तुएं क्षतिग्रस्त हो गयी हैं अथवा जो निषिद्ध हैं । और होटलों , ग्लनों भादि के निवासियों के लिए ( प्राप्त ) रजिस्ट्री वस्तुओं और मनीबार्डरों से संबंधित सूचनाएं ।

( 2 ) संबंधित डाकिये को चाहिए कि वह पाने वाले व्यक्ति या आदाता ( पेयी ) का नाम और पता संबंधित स्तम्भ में स्वयं लिखे , और बीमा वस्तुओं के बारे में रसीदों और पावतियों के साथ तथा मनीआर्डरों के बारे में पावतियों और कूपनों के साथ — पाने वालों या आदाताओं को , जिनके हस्ताक्षर उक्त रसीद – पुस्तक में संबंधित प्रविष्टियों के सामने ले लेने चाहिए – तत्संबंधी सूचनाएं और नोटिस वितरित कर दे ।

 ( 3 ) उन बीमाकृत वस्तुओं के मामले में , जिनका मूल्य 500 रुपये से अधिकहो और जिनका वितरण डाकघर की खिड़की पर उस समय किया जाना हो , जब डाकिया प्राप्तकर्ता को प्राप्तकर्ता की रसीदें , पावती और सूचना का विवरण दे , उसे प्राप्तकर्ता को यथास्थिति आ० पी० – 31 या आर० पी० – 1 फार्म में अपने सामने पावती रसीद पर हस्ताक्षर करने को कहे और उसे इस संबंध में यह पृष्ठांकित भी कर देना चाहिए कि प्राप्तकर्ता ने उसके सामने हस्ताक्षर किया था ।

115 . वितरण के लिए हिदायतें Instructions for Delivery 

( 1 ) संबंधित पोस्टमास्टर प्रत्येक डाकिये की गश्त को नियत करता है और उसे किसी भी कारण से निर्धारित गश्त से विचलित नहीं होना चाहिए । उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह उसे सौंपी हुई सब वस्तुओं को उसकी अपनी गश्त की सीमा के भीतर रह रहे व्यक्तियों को , यथासंभव वितरित करे । टिप्पणी : – अपनी – अपनी ड्यूटी का निर्वाहन करते हुए डाकियों को जनता के सदस्यों की ओर से किसी प्रकार के विज्ञापनों , हस्त – पत्रकों ( इश्तिहारों ) , व्यापारिक परिपत्रों या किसी प्रकार के नोटिसों के बांटे जाने पर निषेध है ।

 ( 2 ) यदि किसी वस्तु का पाने वाला व्यक्ति दिये गये पते पर नहीं मिलता तो बदले गये उसके पते के बारे में उसके अड़ोस – पड़ोस से पूछताछ करनी चाहिए । यदि इस बारे में कोई विश्वसनीय पता मालूम हो जाय तो संबंधित डावि ये को चाहिए कि वह उस वस्तु को नये पते ( यदि यह उसकी गश्त के भीतर है ) पर वित रित कर दे अथवा उस वस्तु पर नया पता लिख दे , ताकि वह दूसरे वितरण के समय अन्य किसी डाकिये को सौंप दी जाए , या अन्य डाक – नगर में , जैसी भी स्थिति हो , पुनः प्रेषित कर दी जाए । यदि किसी वस्तु के असली पाने वाले व्यक्ति के बारे में पर्याप्त जानकारी प्राप्त न की जा सके तो वह दावा – रहित समझी जाकर संबधित पोस्टमास्टर को लौटा दी जानी चाहिए । टिप्पणी : — पार्सलों के पुनः प्रेषण के लिए देखिए भाग 1 का नियम 189 ।

 ( 3 ) यदि उक्त डाकिये द्वारा वितरणार्थ प्राप्त की गयी विसी वी० पी०वस्तु का पाने वाला उस समय घर पर है जबकि वह डाकिया उसके यहां उक्त वस्तु को लेकर आया है और वह तत्काल उस वस्तु को नहीं छुड़ाता , तो उस डाकिये को चाहिए कि वह पाने वाले व्यक्ति से पाने वाले को सूचना के साथ संलग्न रसीद पर हस्ताक्षर करा ले । यह सूचना इसकी रसीद से अलग कर लेनी चाहिए और फिर यह असली पाने वाले को दे देनी चाहिए ; उक्त रसीद को वितरित सूचनाओं और नोटिसों की डाकिया – रसीद – पुस्तक ‘ में संबंधित वस्तु के नम्बर की प्रविष्टि ( जो कि उसे उस समय इस पुस्तक में कर लेनी चाहिए ) के सामने चिपका दे ।

( 4 ) यदि डाकिये द्वारा वितरणार्थ प्राप्त की गयी किसी वी० पी० वस्तु का असली पाने वाला व्यक्ति उस वस्तु पर दिये गये पते पर ही रहता मालूम हो और संबंधित डाकिये के आने पर वह घर पर न हो , तो उस डाकिये को चाहिए कि वह इस सम्बन्ध में उस वस्तु पर एक टिप्पणी लिख दे । यदि पाने वाला व्यक्ति घर पर नहीं है या उस वस्तु के दूसरी बार वितरणार्थ प्रस्तुत किये जाने पर भी उसका वितरण नहीं किया जा सकता , तो डाकिये को चाहिए कि वह तत्सम्बन्धी सूचना को , पाने वाले के घर के किसी प्रौढ़ सदस्य को या ऐसे किसी अन्य व्यक्ति को जिसे उस पाने वाले के लिए ( प्राप्त ) सामान्य पत्रादि को ले लेने के लिए अधिकारी समझा जाए , ‘ वितरित सूचनाओं और नोटिसों को डाकिया – रसीद – पुस्तक ‘ में संबंधित वस्तु के मम्बर की प्रविष्टि ( जो कि उसे उस समय इस पुस्तक में कर लेनी चाहिए ) के सामने उसकी रसीद लेकर उसे वितरित कर देना चाहिए । यदि वह व्यक्ति जिसे उक्त सूचना वितरित की जानी है अनपढ़ है , तो डाकिये को चाहिए कि वह उस व्यक्ति का नाम अपनी वितरित सूचनाओं और नोटिसों की डाकिया – रसीद – पुस्तक ‘ में लिख ले और इस सूचना को एक गवाह की उपस्थिति में जिसके हस्ताक्षर उक्त पुस्तक में ले लेने चाहिए , उसे वितरित कर दे ।

116 . वितरण से पूर्व डाक – शुल्क की वसूली Realization of Postage Before Delivery- 

किसी डाकिये को ऐसी किसी वस्तु के वितरित किये जाने की मनाही है जिस पर कोई डाक – शुल्क या सीमा – शुल्क देय हो , अथवा किसी रकम की उगाही की जानी हो ( जैसे कि वी० पी० वस्तु के बारे में ) , जब तक कि उगाही जाने वाली पूरी रकम Tक भुगतान नहीं कर लिया जाता । उसे ( डाकिये को ) रेजगारी देने के लिए बाध्यनहीं किया जा सकता । यदि पाने वाले व्यक्ति के द्वारा किसी वस्तु पर वसूल किये – जाने वाले खर्च के अदा किये जाने में किसी प्रकार की कोई अनावश्यक देरी हो जाती है , तो संबंधित डाकिये को यह अधिकार है कि वह उस वस्तु को संबंधित डाकघर में ले जाय ।

117 . वितरित रजिस्ट्री वस्तुओं के लिए पाने वालों की रसीदें Receipt of addresses  for registered 

1 ) यह डाकियों की जिम्मेदारी होगी कि वे पत्र – डाक और पार्सल – डाक की वितरित की गयी रजिस्ट्री और वीमा वस्तुओं की रसीदों और पावतियों पर हर हालत में उनके पाने वाले व्यक्तियों के अथवा किन्हीं ऐसे अधिकृत या अभ्यस्त व्यक्तियों के जो उनकी ओर से ऐसी वस्तुएं प्राप्त करते हैं , हस्ताक्षर होने चाहिए उन डाकियों को चाहिए कि वे उन वस्तुओं के पाने वाले व्यक्तियों या उनके एजेंटों को संबंधित रसीदों और पावतियों ( यदि कोई हों ) पर हस्ताक्षर करने को कहें और हस्ताक्षर किये गये प्रलेखों को वितरण से पूर्व उन्हें ( डाकियों को ) लौटा दें । कोई भी वस्तु पाने वाले व्यक्ति या उसके एजेंट के पास नहीं छोड़ दी जानी चाहिए जब तक कि संबंधित रसीदों पर यथाविधि हस्ताक्षर किये जाकर उन्हें लौटाया नहीं जाता । बिना रजिस्ट्री पार्सलों के पाने वालों से कोई रसीद नहीं ली जाती । टिप्पणी : – ग . घ . की मार्फत क . ख . के पते पर भेजी गयीं वस्तुएं जब कभी संभव हो क . ख . को ही वितरित की जानी चाहिए और क . ख . की अनुपस्थिति में ही वे केवल ग . घ . को वितरित की जा सकती हैं और बशर्ते कि ग . घ . व . ख . . की ओर से ऐसी वस्तुओं के प्राप्त करने के लिए अधिकृत या अभ्यस्त है । जब कोई वस्तु किसी जनरल या जहाजरानी एजेंट की मार्फत या किसी अनु सूचित बैंक या भारत में इसकी शाखाओं की मार्फत क . ख . के पते पर भेजी गयी है तो वह वस्तु मार्फत पक्ष ( केयर पार्टी ) को तभी वितरित की जा है यदि संबंधित डाकघर को यह मालूम न हो कि वह वस्तु स्वयं असली पाने वाले को तुरंत ही वितरित की जा सकती है ।

 ( 2 ) जब कोई ” लामबन्दी ( मोबिलाइजेशन ) ” या ” रिजर्व – सैनिक( रिजविस्ट ) ” लिफाफा वितरित किया जाता है , तो रसीद पर किये पाने वाले के हस्ताक्षर या चिन्ह को गांव के संबंधित मुखिये , गांव के लेखपाल , स्कूल – मास्टर य डाविये से परिचित किसी प्रतिष्ठित साक्षी के हस्ताक्षर से सत्यापित किया जान चाहिए ।

 ( 3 ) यदि संबंधित पाने वाला पावती पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर देता है और केवल रसीद पर ही हस्ताक्षर करता है , तो संबंधित वस्तु का वितरण कर देना चाहिए और इन्कार किये जाने के बारे में उक्त पावती पर एक टिप्पण लिख देना चाहिए ।

 ( 4 ) संबंधित डाकिये को यह देख लेना चाहिए कि वितरित की गयी बीमा वस्तुओं से संबंधित रसीदों और पाबतियों पर स्याही या बाल पेन से हस्ताक्षर किये गये हैं ।

( 5 ) जब सामान्य रजिस्ट्री वस्तुओं का वितरण – सूची ( फार्म आर०पी० – 57 ) की विशेष क्रियानिधि के जरिये किया जाना है , तो संबंधित डाकिये को रजिस्ट्री या पार्सल सार में , जैसी भी स्थिति हो , प्रेष्य के नाम और वस्तुओं की कुल संख्या की प्रविष्टि के सामने हस्ताक्षर करने चाहिए । इन वस्तुओं के बारे में प्रेष्य से उक्त सूची की ऊपर की नकल पर इकहरी रसीद ली जानी चाहिए । पावतियों पर , यदि कोई । हो , और ऐसी वस्तुओं से संबंधित रसीदों पर भी जिन पर कोई खर्च प्राप्य है , हस्ताक्षर करवा लेने चाहिए । फिर उक्त सूची की निचली नकल , संबंधित वस्तुओं सहित प्रेष्य ( पाने बाले ) को , उससे प्राप्त रकमें उगाही जाने पर , वितरित कर दी जानी चाहिए । उक्त सूची की रसीद की हुई नकल को संबंधित रजिस्ट्री या पार्सल डाक सहायक को , जैसी भी स्थिति हो , सौंप देने के पहले संबंधित डाकिये को इस बात के प्रमाण – स्वरूप कि उसमें दर्ज की हुई वस्तुएं उसके द्वारा यथाविधि वितरित की गई हैं , उस पर स्वयं हस्ताक्षर कर लेने चाहिएं । उसके द्वारा इन वस्तुओं में से किसी एक वस्तु के अवितरणीय रूप में लौटा दिये जाने या उसके पुनः प्रेषित किये जाने की विरल स्थिति में , उक्त डाकिये को उस वस्तु की प्रविष्टि के सामने उक्त सूची के कैफियत ‘ स्तंभ में इस बात का उल्लेख कर देना चाहिए ।

( 6 ) संबंधित डाकियों के डाकघर में लौट आने पर उन्हें तमाम रसीदें और पावतियां संबंधित जिम्मेदार डाक सहायक को प्रस्तुत कर देनी चाहिए , परन्तु पार्सलों तथा अन्य वस्तुओं से संबंधित रसीदों के बारे में जिन पर संबंधित डाक – फीस एवं पुनः प्रेषण फीस सहित डाक – शुल्क या सीमा – शुल्क वसूल किया गया है , उन्हें पहले उक्त डाकियों द्वारा संबंधित कोषपाल के पास ले जाया जाकर उसे इन पर वसूल की गयी धन – राशि दे देनी चाहिए । यह कोषपाल इन रकमों की पावती डाकिया – पुस्तक में ( हस्ताक्षर करके ) दे देगा और इन रसीदों को उन डाकियों को लौटा देगा , जोकि फिर इन्हें अविलम्ब संबंधित पार्सल डाक सहायक को दे देगा । यदि कोषपाल का काम उक्त पार्सल डाक सहायक द्वारा किया जाता है , तो वितरित किये गये पार्सलों पर उगाहा गया डाक – शुल्क तथा अन्य खर्च ऐसे संग्रहों को प्राप्त कर लेने के लिए नियुक्त डाक सहायक को भुगताया जाना चाहिए । टिप्पणी : – उन डाकघरों में जहां वितरण पचियों का प्रयोग किया जाता है , संबंधित कोषपाल ( या अन्य कर्मचारी ) डाकिया पुस्तिका की अपेक्षा संबंधित वितरण पर्ची में इन रकमों की पावती देगा ।

118 . अनपढ़ ,पर्दानशीन औरतों को वितरण Delivery to illiterate addresses Pardanashin Women –

 ( 1 ) यदि पत्र या पार्सल डाक की किसी रजिस्ट्री वस्तु का वितरण किसी अनपढ़ पाने वाले को किया जाता है , तो तत्सम्बन्धी रसीद और पावती ( यदि कोई हो ) पर उसकी मोहर या अन्य कोई चिन्ह लगवा लेना चाहिए , जिसे संबंधित डाकिये के द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए । ( 2 ) यदि किसी बीमा वस्तु का पाने वाला अनपढ़ हो तो तत्सम्बन्धी रसीद और पावती पर वहां के किसी निवासी गवाह की उपस्थिति में उसका अंगूठा , मोहर या अन्य कोई चिन्ह लगवा लेना चाहिए , जिसे उसको अपने हस्ताक्षर से सत्यापित करना आवश्यक है ।

119 .  किसी पर्दानशीन औरत के नाम भेजी गयी किसी रजिस्ट्री या बीमा वस्तु का वितरण नियम 121 ( 5 ) में निर्धारित शर्तों के अनुसार किया जाना चाहिए ।
120 . अवयस्कों के पतों पर बीमा वस्तुओं का वितरण Delivery of  insured Articals Addressed to Minors-  किसी अवयस्क के नाम भेजी गयी कोई बीमा वस्तु सदा ही उसे उस व्यक्ति के सामने वितरित की जानी चाहिए जिसकी देख – रेख में वह उस समय रहता हो और सम्बन्धित रसीद और पावती पर किये गये उसके हस्ताक्षर या लगाये गये उसके अंगूठे के निशान का उस व्यक्ति के द्वारा सत्यापन किया जा चुका है ।

121 . मनीआर्डरों की अदायगी Payment Of Money Orders 

( 1 ) संबंधित डाकियों को प्राप्त हुए मनीआर्डर रजिस्टर पर उनकी प्राप्ति तथा अदायगी करने के लिए उन्हें सौंपी गयी नकदी को पा लाने के प्रमाणस्वरूप हस्ताक्षर करने आवश्यक है और मनीआर्डरों की अदायगी के लिए प्रत्येक डाकिये को दी गयी कुल रकम उसे अपने हस्ताक्षर सहित शब्दों और अंकों में लिखनी चाहिए । जब किसी डाकिये को या सम्बन्धित पोस्टमास्टर के द्वारा चुने गये किसी अन्य कर्मचारी को अन्य किसी ऐसे डाकिये के साथ जाने का आदेश दिया गया है जो निर्धारित सीमा से अधिक मूल्य के मनीआर्डर और वी० पी० वस्तुएं ले जा रहा है , तो उसे चाहिए कि वह प्राप्त मनीआर्डरों के रजिस्टर में उक्त पोस्टमास्टर के आदेशों के नीचे उन आदेशों को देख लेने के परिणामस्वरूप अपने हस्ताक्षर करे और यह उसका फर्ज होगा कि वह उक्त डाकिये के साथ उसकी गश्त में वहां तक जाये जब तक कि उसकी नकदी कम होकर एक डाकिये के लिए निर्धारित सीमा तक न आ जाए । साथ के अनुरक्षी कर्मचारी को चाहिए कि वह डाकिया – पुस्तिका के कैफियत स्तम्भ में उक्त डाकिये के साथ की गयी यात्रा के दौरान उसकी उपस्थिति में अदा किये गए प्रत्येक मनीआर्डर के सामने अपने हस्ताक्षर करे और और साथ ही उसकी उपस्थिति में अदा किये गए अन्तिम मनीआर्डर की प्रविष्टि के सामने उस समय और स्थान का भी उल्लेख कर दे जबकि उसने उक्त डाकिये को छोड़ा था , इसके फलस्वरूप अवितरित मनीआर्डरों से संबंधित रकम के कम किये जाने के अलावा वी०पी० वस्तुओं पर पाने वालों से उगाही जाने वाली कुल रकम कम हो कर एक अकेले डाकिये के लिए निर्धारित सीमा के अन्तर्गत हो जाती हैं । इस कर्मचारी को प्राप्त मनीआर्डर रजिस्टर में संबंधित कोषपाल की उपस्थिति में मनीआर्डरों की परमपराजद – – अदायगी के लिए संबंधित डाकिये द्वारा संबंधित रकम प्राप्त कर लेने की रसीद के नीचे फिर अपने हस्ताक्षर कर देने चाहिए ।

( 2 ) किसी मनीआर्डर की अदायगी करने से पहले संबंधित डाकिये को चाहिए कि वह पाने वाले से या उसकी ओर से लिखित रूप में मनीआर्डर प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत व्यक्ति से संबंधित रसीद और पावती पर हस्ताक्षर करने को कहे । यदि उस पाने वाले के पिता का नाम मनीआर्डर में दिया हुआ है तो पाने वाले को इस पर निम्न प्रकार हस्ताक्षर करने चाहिए – क , ज्ञ का पुत्र ” । जब कोई मनी आर्डर पाने वाले की लिखित प्रार्थना पर उससे भिन्न अन्य किसी व्यक्ति को अदा किया जाता है , तो मनीआर्डर प्राप्त करने वाले व्यक्ति से संबंधित पावती पर इस प्रकार से हस्ताक्षर करने की प्रार्थना करनी चाहिए – कृते ( अदायगी प्राप्त करने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर ) ( पाने वाले का नाम ) हस्ताक्षर की हुई रसीद को तथा पावती को संबंधित डाकिये को लौटा दिये जाने पर उसे चाहिए कि वह मनीआर्डर में लिखित रकम का भुगतान कर दे और संबंधित कूपन को अलग करके आदाता . के पास रहने दे । यह डाकिया फिर अदायगी करने वाले कर्मचारी के रूप में उस मनीआर्डर पर स्वयं हस्ताक्षर करे और निर्दिष्ट स्थानों पर अदायगी करने की तारीख लिख दे । टिप्पणी : दावारहित या अस्वीकृत मनीआर्डर के बारे में जो कि इसके प्रेषक को पूनः वितरित कर दिया जाता है , उसके हस्ताक्षर केवल रसीद पर ही कराने चाहिएं । उसकी पावती और कूपन को अलग कर इसके प्रेषक को दे देनी चाहिए ।

 ( 3 ) अदायगी के लिए दिये गये मनीआर्डर बिना किसी शर्त के संबंधित मनीआर्डर डाक सहायक ( पावतियों सहित ) अनिवार्य रूप से लौटा दिये जाने चाहिएं और अवितरित धन – राशि ( यदि कोई हो ) संबंधित डाकघर के उस दिन बन्द होने से पूर्व वहां के कोषपाल को लौटा देनी चाहिए । संबंधित डाकिवों , कोषपाल और उक्तमनीआर्डर सहायक के आपसी लेखों का समायोजन ( एडजस्टमेंट ) कार्यालय के बन्द होने से पहले ही हो जाना चाहिए । अपवाद : सरकारी अधिकारियों या जिला , स्थानीय या नगरपालिका बोडों के हक में जारी किये गये मनीआर्डरों की पावतियों का निपटान , कुछ मामलों में , विशेष नियमों द्वारा शासित है , जिनके अनुसार आदाताओं द्वारा इन पाद तियों को अपने पास रख लेने की व्यवस्था है । इन पावतियों पर इस पैरा में निर्धारित क्रियाविधि लागू नहीं होती ।

( 4 ) यदि किसी मनीआर्डर का आदाता ( पाने वाला ) अनपढ़ है , तो उसके अंगठे का निशान , मोहर की छाप या अन्य चिन्ह उस स्थान के किसी निवासी गवाह की उपस्थिति में संबंधित रसीद और पावती पर लगवा लिया जाना चाहिए , जिसे उसे स्वयं सत्यापित करने को कहा जाए । जब किसी पाने वाले के अंगूठे का निशान लगवाया जाय तो निम्न क्रियाविधि का अनुसरण किया जाना चाहिए : पहले बायें अंगूठे की गद्दी से सब प्रकार की चिकनाहट और मैल बड़ी साव धानी से हटा लेनी चाहिए , फिर उसे पोंछ कर सूखा कर लेना चाहिए और उसे इस प्रयोजन के लिए दिये गये एक खास स्याही – पैड पर रखकर बायें से दायें बहुत नरमाई से तब तक लुढ़काना चाहिए जब तक कि उसमें काफी स्याही न लग जाए । अंगूठे को फिर कागज पर रख बहुत धीरे – धीरे बायें से दायें लुढ़काकर उसकी पूरी छाप लगवा लेनी चाहिए । यदि इस अंगूठे को मला जाय अथवा उसे पैड या कागज पर फिसलने दिया जाएगा , तो अच्छी छाप नहीं लगायी जा सकती । अत : यह सदा उचित होगा कि पूर्व इसके कि अंगूठे का निशान किसी संबंधित प्रलेख पर लगाया जाए इसकी छाप को एक या दो बार किसी रद्दी कागज पर प्रयोगात्मक रूप से लगा कर परख लेना चाहिए । किसी डाकिये को अपनी गश्त पर निकलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंगूठा लगाने के लिए उसे दिये गये विशेष स्याही – पैड में छापने की स्याही इतनी पर्याप्त है कि वह संबंधित डाकघर से उसके अनुपस्थिति – काल की कुल अवधि में काम दे सकेगी । जब – कभी आवश्यक हो तो इसमें उस डाकघर में जाकर फिर से स्याही डाल लेनी चाहिए ।

.टिप्पणी 1 . — जब किसी अनपढ़ देहाती को दिये जाने वाले किसी मनीआर्डर की रकम पांच रुपयों से कम हो और उस गांव में भुगतान की गवाही देने के लिए पढ़ा – लिखा कोई व्यक्ति न हो , तो ऐसे मनीआर्डर का भुगतान किती अनपढ़ व्यक्ति की गवाही पर ही किया जा सकता है , जिसका अंगूठा निशान भुगतान के समर्थन में मनीआर्डर और उसकी पावती पर लगवा लेना चाहिए । ऐसे प्रत्येक मामले में भुगतान करने वाले डाकिये को चाहिए कि वह उस गवाह का नाम मनीआर्डर पर लिख ले ।

टिप्पणी 2 . – – जब किसी अनपढ़ देहाती को दिये जाने वाली किसी मनीआर्डर की रकम पांच रुपये या उससे अधिक हो और संबंधित गांव में पढ़ा – लिखा कोई व्यक्ति न मिल सके , तो भुगतान उस गांव के मुखिये के बायें अंगूठे की छाप के साक्ष्यांकित किये जाने पर कर दिया जाना चाहिए और भुगतान करने वाले डाकिये को चाहिए कि वह उस मुखिये का नाम मनीआर्डर पर लिख ले । टिप्पणी 3 . – यदि किसी मनीआर्डर का आदाता ( पाने वाला ) कोई अंधा व्यक्ति है , तो जो क्रियाविधि अनपढ़ आदाता के लिए निर्धारित है उसी का इस मामले में भी पालन करना चाहिए ।

( 5 ) जब किसी मनीआर्डर की आदाता ( पाने वाली ) कोई ऐसी पर्दानशीन औरत हो , जिसका उसकी ओर से लिखित रूप में मनीआर्डर प्राप्त करने के लिए कोई एजेन्ट नियुक्त न किया गया हो , तो उसके हस्ताक्षर ( या निशान चिह्न , यदि वह अनपढ़ हो ) का सत्यापन किसी प्रतिष्ठित गवाह ( सामान्यतः उसका संबंधी , जोकि डाकिये का परिचित हो ) के द्वारा किया जाना चाहिए , और अदायगी तत्सम्बन्धी गवाह को कर देनी चाहिए । जब यह गवाह व्यक्तिगत रूप से उस डाकिये से परिचित न हो , तो अदायगी लेने से पहले उस व्यक्ति की पहचान की जानी चाहिए और जो व्यक्ति उसे ( स्त्री या पुरुष ) पहचान ले उसको इस अदायगी करने के गवाह – रूप में संबंधित मनीआर्डर पर अपने हस्ताक्षर करने होंगे । ( 6 ) जब मनीआर्डरों की अदायगो ऐसे डाकियों के जरिये की जानी है जो डाकनगरों के बाहर के ग्रामों में डाक बांटते हैं , तो हर मामले में , उस ग्राम के मुखिया या उस ग्राम के लेखापाल या उस स्थान के , जहां अदायगी की जानी . हो , किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के हस्ताक्षर अदायगी के समर्थन में संबंधित मनीआर्डर पर अवश्य करा लेना चाहिए , चाहे आदाता अनपढ़ हो या पढ़ा – लिखा हो ।

 ( 7 ) जब किसी विभागीय पेंशन – भोगी को किसी पेंशन – मनीआर्डर की अदायगी की जाय , तो संबंधित डाकिये को चाहिए कि वह संबंधित मनीआर्डर के पावती – भाग के पीछे की तरफ तारीख सहित हस्ताक्षर करके अंग्रेजी या किसी स्थानीय भारतीय भाषा में इस विषय का एक प्रमाण – पत्न दे कि संबंधित पेंशनभोगी अदायगी के दिन जिन्दा है । संबंधित डाकिये या ग्राम डाकिये द्वारा जनवरी , अप्रैल , जुलाई और अक्तूबर के महीनों में भुगतायी गयी पेंशनों से संबंधित पेंशन – मनीआर्डर के पावती – भागों की पीठ पर दिये गये प्रमाण – पत्र को उस ग्राम के कम – से – कम दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए ।

 ( 8 ) जो कोई डाकिया किसी मनीआर्डर की अदायगी पर कोई कमीशन या बख्शीश मांगता है या प्राप्त करता है उसे संभवतः बस्ति किया जा सकता है । ( क ) मनीआर्डर के खाते में जो भी नकदी अवितरित रह जाए , डाकिया उसे मनीआर्डर क्लर्क के सुपुर्द कर दे ।


123 . अवयस्कों के पतों पर मनीआर्डरों की अदायगी Money Orders Addressed to Minor-

  •  जहां – कहीं संबंधित अवयस्क निजी विवेक के प्रयोग किये जाने की आयु तक न पहुंचा हो और अपने पिता या वैध संरक्षक के साथ रहता हो , तो उसके पिता या सरक्षक के उसके द्वारा अवयस्क की ओर से मनीआर्डर पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद ही अदायगी की जानी चाहिए ।
  • जहां – कहीं संबंधित अवयस्क निजी विवेक के प्रयोग किये जाने की आयु तक न पहुंचा हो और अपने पिता या वैध संरक्षक के साथ न रहता हो और अगर उसके पिता या संरक्षक का पता न लगाया जा सके तो उस व्यक्ति को जिसकी देख भाल और अभिरक्षा में वह वयस्क उस समय रह रहा हो लो मनीआर्डर की अदायगी तभी की जा सकती है , जबकि वह उस मनीआर्डर पर हस्ताक्षर करने के अलावा एक क्षतिपूर्ति बन्ध – पत्न पर भी हस्ताक्षर करे , जिसके अनुसार वह डाकघर के विरुद्ध इस प्रकार भुगताये गये मनीआर्डर की रकम के बारे में प्राप्त होने वाले दावों का हर्जाना पूरा करने का वचन दे । यदि बह ऐसे बन्ध – पत्र पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दे तो भुगतान रोक लेना चाहिए और उस मनीआर्डर को संबंधित डाकघर को वापस लौटा दिया जाना चाहिए । बन्ध – पत्र का निर्धारित फार्म संबंधित पोस्टमास्टर से प्राप्त किया जा सकता है ।
  • जहां – कहीं संबंधित अवयस्क ऐसे लेन – देन की किस्म या प्रकार को समझने में काफी सूझ – बूझ रखता हो , तो अदायगी उस अवयस्क को ही कर दी जानी चाहिए । टिप्पणी : – इस नियम के पैरा ( 2 ) में निर्धारित क्षति – पूर्ति बन्ध – पत्र पर 50 पैसों का स्टाम्प शुल्क देय होगा और इस स्टाम्प का खर्च बन्ध – पत्न भरने वाले व्यक्तिको देना होगा । यदि किसी सर्किल में स्टाम्प – शुल्क की विभिन्न दर प्रचलित हो , तो संबंधित सकिल – अध्यक्ष इस विषय में आवश्यक हिदायतें जारी करेगा । किसी एक अवयस्क की ओर से किसी एक डाकघर द्वारा एक समय में एक ही व्यक्ति को एक से अधिक भुगताये गये मनीआर्डर के बारे में एक क्षति – पूर्ति बन्ध – पत्र लिया जा सकता है ।

133 . ग्राम डाकियों के काम Duties of Village Postman- 

( 1 ) ग्राम डाकिये ऐसे वितरण एजेन्ट हैं , जो अपनी गश्तों पर निकलने के दिन अपने लेखों का समायोजन करने के लिए प्रायः उसी दिन लौट नहीं पाते । उन्हें उन वस्तुओं के वितरणार्थ नियुक्त किया जाता है जिनके पाने वाले संबंधित डाकियों को गश्त – सीमाओं से परे रहते हैं ; उन्हें पत्न – डाक की बिना रजिस्ट्री तथा अन्तर्देशीय रजिस्ट्री वस्तुओं को इकट्ठा करके प्रेषित किए जाने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है । उन्हें उन नियमों के अन्तर्गत जो डाकियों को डाक – शुल्क टिकटों के प्रदान पा पूर्ति के लिए लागू होते हैं , जनता को बेचे जाने के लिए उक्त प्रकार की टिकटों की पूर्ति भी की जा सकती है और संबंधित अधीक्षक के आदेशानुसार मनीआर्डरों छा भुगतान किए जाने के लिए भी उन्हें अधिकृत किया गया है ।

( 2 ) प्रत्येक ग्राम डाकिये को एक गश्त सूची ( फार्म एम० – 53 ) दी जाती है , जिसमें उसके द्वारा देखे जाने वाले ग्रामों के नाम दिए होते हैं । नियत या संयुक्त आप में नियत और अनियत गश्तों के बारे में इस मार्ग – सूची के साथ संबंधित गश्त डा एक नक्शा भी होता है , जो कि संबंधित ग्राम डाकिये द्वारा अनुसरण किए जानेवाले मार्ग के अलावा उसके द्वारा संबंधित डाकघर से ( बाहर ) जाने और उसमें लौट आने के दिनों को दर्शाने के साथ – साथ , उन दिनों के नाम दिखाता है जिन दिनों में उसने प्रत्येक डाकघर को देखने जाना है । इस सूची में वे गांव भी दिखाए जाएंगे जहां उसे रात काटने की इजाजत दी गई है । संबंधित ग्राम डाकिये को इन सब बातों का ब्यौरा याद कर लेना चाहिए । ग्राम डाकिये सीधे ही संबंधित पोस्टमास्टर के नियंत्रण में हैं और उन्हें उसके आदेशानुसार काम करना होता है । उन्हें साफ – सुथरे कपड़े पहिनने चाहिएं और सफाई से रहना चाहिए ; काम पर रहते समय उन्हें अपनी वर्दियों और बिल्ले पहनने चाहिएं और साथ में थैले भी रखने चाहिएं ।

 ( 3 ) अगर ग्राम डाकिये का ध्यान किसी तार – लाइन को दी गई किसी प्रकार की कोई क्षति या उसे पहुंचाई गई किसी हानि की ओर जाए , तो उसे चाहिए कि वह इस प्रकार की दुर्घटना की किस्म और उसके मौके की रिपोर्ट यथाशीघ्र समीपतमः डाकघर में कर दे । टिप्पणी : – इस नियम में प्रयुक्त “ ग्राम डाकिया ” इस शब्द के अन्तर्गत वे डाकिये और अतिरिक्त विभागीय वितरण एजेन्ट भी आ जाते हैं , जो अपनी गश्तों के दौरान प्रतिदिन सब ग्रामों में डाक नहीं बांटते ।

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