POSTAL EXAM
For Departmental Postal Exams


डाक विभाग का संगठन

  • डाक विभाग महानिदेशक, नई दिल्ली के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है ।
  • महानिदेशक डाक बोर्ड के अध्यक्ष और विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करते है ।
  • एक मजबूत डाक विभाग का संगठन (Organization of the department of Posts) के लिए आवश्यक है कि विभाग के सभी क्षेत्रों का सही तरीके से नियंत्रण कर उचित देखरेख जा सके, इसलिए भारतीय डाक विभाग को 23 सर्किल में बाँट दिया गया है. सर्किल के प्रमुख मुख्य पोस्टमॉस्टर जनरल होते हैं और सर्किल के सभी अधिकारी इन्ही के नियंत्रण में कार्य करते हैं. सभी 23 डाक सर्किल और इसके मुख्यालय नीचे दिए गए हैं –
  • मंडल का नाम – राज्य/संघ राज्य क्षेत्र – मुख्यालय
  • आंध्र प्रदेश – आंध्र प्रदेश – विजयवाड़ा
  • असम – असम – गुवाहाटी
  • बिहार – बिहार – पटना
  • छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ – रायपुर
  • दिल्ली – दिल्ली – दिल्ली
  • गुजरात – गुजरात, दमन और दीव, दादरा नगरहवेली – अहमदाबाद
  • हरियाणा – हरियाणा – अंबाला
  • हिमाचल प्रदेश – हिमाचल प्रदेश – शिमला
  • जम्मू कश्मीर – जम्मू कश्मीर – श्रीनगर
  • झारखंड – झारखंड – रांची
  • कर्नाटक – कर्नाटक – बैंगलोर
  • केरल – केरल और लक्षद्वीप – त्रिवेंद्रम
  • मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश – भोपाल
  • महाराष्ट्र – महाराष्ट्र और गोवा – मुंबई
  • पूर्वोत्तर – अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा – शिलांग
  • उड़ीसा – उड़ीसा – भुवनेश्वर
  • पंजाब – पंजाब और चंडीगढ़ – चंडीगढ़
  • राजस्थान – राजस्थान – जयपुर
  • तमिलनाडु – तमिलनाडु और पांडिचेरी – चेन्नई
  • तेलंगाना – तेलंगाना – हैदराबाद
  • उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश – लखनऊ
  • उत्तरांचल – उत्तरांचल – देहरादून
  • पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार, सिक्किम – कोलकाता
  • सेना डाक सेवा (Army Postal Service APS) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.
  • प्रत्येक सर्किल में एक वरिष्ठ अधीक्षक या डाकघर अधीक्षक के अधीन कई डाक विभाग होते हैं
  • वरिष्ठ अधीक्षक डाकघर या अधीक्षक सीधे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी डाकघर संचालन को नियंत्रित करते हैं।
  • प्रत्येक डाक का विभाग कई सब डिव्हिजन होते है सब डिव्हिजन का प्रमुख इस आईपी/एएसपी हैं ।
  • आर। एम। एस। (रेलवे मेल सेवा) कार्यालय और मंडल (सेक्टर) वरिष्ठ अधीक्षक या अधीक्षक आरएमएस द्वारा नियंत्रित होते हैं ।
  • सेना डाक सेवा प्रमुख अतिरिक्त महानिदेशक , सेना डाक सेवाएं हैं
  • मोबाइल डाकघर (Mobile Post office) या चलते-फिरते डाकघर बम्बई डाक सेवा से सम्बंधित है.
  • सर्किल ऑफिस में ही GPO (General Post Office) जनरल पोस्ट ऑफिस स्थित रहता है. भारत में कुल 24 GPO हैं. चूँकि सर्किल की संख्या 23 है तो GPO 24 क्यों, ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली सर्किल के अंतर्गत दो GPO हैं नई दिल्ली व दिल्ली GPO.

डाक विभाग में 6 डाक प्रशिक्षण केंद्र (Postal Training Center) हैं जो इस प्रकार है –

 

  • 1. सहारनपुर, पंजाब
  • 2. वड़ोदरा, गुजरात
  • 3. मैसूर, कर्नाटक
  • 4. मदुरै, तमिलनाडु
  • 5. दरभंगा, बिहार
  • 6. गुवाहाटी, असम
  • पोस्टल स्टाफ कॉलेज या अकादमी गाजियाबाद में हैं, जोकि RAKNPA (Ravi Ahmad Kidwai National Postal Academy) के नाम से जाना जाता है.
  • विदेशी डाक नियंत्रण केंद्र (foreign postal control center) मुम्बई में व डाक जीवन बीमा का निदेशक कार्यालय कोलकाता में स्थित है.

डाकघरों के प्रकार (Types of Post Offices)

 

 

  • डाकघर गाइड भाग 1 के धारा 2 में भारतीय डाक विभाग के डाकघरों के प्रकार (Types of Post Offices) के बारे में बताया गया हैजिसके . अनुसार डाकघर 3 प्रकार के हैं ) 3 types of post offices) –
  • 1. प्रधान डाकघर
  • 2. उपडाकघर
  • 3. शाखा डाकघर
  • प्रधान डाकघर ) Head Post Office) : प्रधान डाकघर के प्रमुख अधिकारी प्रधान डाकपाल या प्रधान पोस्टमास्टर ) head postmaster) होते हैं, जिन्हें पोस्टमास्टर कह देते हैं ये राजपत्रित अधिकारी होते हैं जो डाकघर अधीक्षक के. सामान्यतः प्रधान डाकघर प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारों का प्रयोग करते हैं . प्रधान डाकघर होते हैं
  • उपडाकघर ) Sub Post Office): उपडाकघर के प्रमुख अधिकारी उपडाकपाल होते हैं . उपडाकघर में शाखा डाकघर के लेखा सम्बन्धी व इन्हें डाक डिस्पैच आदि कार्य किये जाते हैं.
  • शाखा डाकघर ) Branch Post Office): शाखा डाकघर के प्रमुख शाखा डाकपाल होते हैं शाखा डाकघर के कार्य समय अधिकतम.5 घंटे का होता है

नाइट पोस्ट ऑफिस-

 

 

  • नाइट पोस्ट ऑफिस के काम के घंटे आम तौर पर सर्किल के प्रमुख द्वारा निर्धारित किए जाते है
  • महानिदेशक किसी भी पद के काम के घंटे को रात 8:30 बजे तक बढ़ा सकते हैं
  • नाइट पोस्ट ऑफिस सामान्य कार्य दिवसों में रात 8.30 बजे तक संचालित होता है।

डाकघर के कार्य का समय ( Business Hours )

 

 

  • डाकघर के कार्य का समय से सम्बंधित प्रावधान डाकघर गाइड भाग 1 (Post Office Guide Part 1) में धारा 5 से 8 में है. धारा 5 में डाकघर के सामान्य कार्य दिवस, धारा 7 में रविवार और छुट्टियों के दिन का कार्य समय और धारा 8 में डाकघर की छुट्टी के बारे में बताया गया है.

सामान्य सप्ताह के दिन

 

 

  • प्रत्येक डाकघर और आरएमएस कार्यालय में एक नोटिस चस्पा किया जाएगा जिसमें यह बताया जाएगा कि जनता के साथ व्यापार किस समय के दौरान किया जाएगा और किस समय के दौरान डाक वितरित और भेजी जाएगी।
  • काम के घंटे स्थानीय सुविधाओं और मेल के आगमन और प्रस्थान के समय द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। डाकघर काउंटर पर सभी कार्य निर्धारित नए कार्य घंटों के अनुसार किया जाता हैं।
  • विभिन्न सेवाओं के लिए व्यावसायिक घंटे प्रदर्शित किए जाते हैं।
  • पूछताछ, टिकटों की बिक्री – काम के घंटों के दौरान
  • आर एल/ वीपी की बुकिंग – सभी दिनों में 6 से 7 घंटे और शनिवार को 5 घंटे तक।
  • एसबी, एमओ – पूरे दिन 5 घंटे तक और शनिवार को 3 घंटे तक।
  • आरएमएस कार्यालयों में भी आरएल/स्पीड बुक की जाती है।
  • ग्रामीण डाक सेवाओं के प्रभारी डाकघरों के अधिकतम कार्य घंटे 5 घंटे हैं ।
  • सभी महत्वपूर्ण कार्यालयों में पत्राचार की पोस्टिंग और पंजीकृत पत्रों की बुकिंग की सुविधा विलंब शुल्क के भुगतान पर सामान्य निर्धारित घंटों से अधिक सीमित अवधि के लिए प्रदान की जाती है।

रविवार को और पी.ओ. छुट्टियों पर कारोबार

 

 

  • रात के डाकघरों, मोबाइल डाकघरों को छोड़कर सभी डाकघर आमतौर पर रविवार और डाकघर की छुट्टियों पर बंद रहते हैं और कोई भी व्यवसाय सार्वजनिक रूप से नहीं किया जाता है।
  • पोस्ट ऑफिस के लेटर बॉक्स या मेल वैन लेटर बॉक्स में मशीन फ्रैंक वाली चीजें पोस्ट नहीं की जानी चाहिए।
  • रविवार और पीओ छुट्टियों पर पंजीकृत समाचार पत्रों और पंजीकृत समाचार पत्रों का पैकेट प्रेस सॉर्टिंग कार्यालय, आर.एम.एस. कार्यालय और रात्रि डाकघर विलंब शुल्क का भुगतान किए बिना स्वीकार किया गया, .

डाकघर की छुट्टियां डाकघर की छुट्टियां

 

 

  • सभी डाकघरों में कुल मिलाकर 14 अवकाश हैं जिनमें से 11 निश्चित हैं और 3 अवकाश मंडल के अनुसार अलग-अलग हैं।
  • ग्रामीण डाक सेवक डाकघर का अधिकतम कार्य समय 5 घंटे (लेवल 2 बीओ में) और 4 घंटे (लेवल 1 बीओ में) निर्धारित है.
  • रात्रिकालीन डाकघर रविवार को भी खुलते हैं. इस दिन यहाँ रजिस्टर्ड समाचार पत्रों में विलम्ब शुल्क नहीं लिया जाता.

डाक, टिकट और स्टेशनरी का भुगतान (Payment of postage, stamps and stationery)

 

 

  • इस अध्याय में डाक, डाक टिकट और स्टेशनरी, फ्रैंकिंग मशीनों के पूर्व भुगतान की वांछनीयता के बारे में जानेंगे, इस (Post Office Guide से सम्बंधित डाकघर गाइड भाग 1 में दी गयी धाराएँ निम्नलिखित है –
  • धारा 9: डाक के पूर्व भुगतान की वांछनीयता
  • धारा 10: डाक टिकट और स्टेशनरी
  • धारा 11: फ्रैंकिंग मशीन से सम्बंधित है.
  • धारा 12: डाक का अग्रिम नकद भुगतान
  • धारा 13: ख़राब डाक टिकट
  • धारा 14: फर्जी डाक टिकट

डाक के पूर्व भुगतान की वांछनीयता (Desirability of prepayment of postage):

 

 

  • डाकघर की यही कोशिश रहती है कि वे भुगतान किये गये डाक का जितना जल्दी हो सके वितरण करें. अगर किसी डाक का भुगतान (डाकभार) नहीं किया है अथवा अधूरा भुगतान किया है तो ऐसे वस्तुओं को रोक ली जाती है, इन्हें गैर-रजिस्ट्री डाक (ऐसा डाक जो रजिस्ट्री नहीं किया गया हो) के साथ भी नहीं बांटी जाती.

डाक टिकट और स्टेशनरी ( postage stamps and stationery):

 

 

  • भारतीय डाक अपने डाकभार का भुगतान सामान्यता डाक टिकट के रूप में करता है. डाक टिकट को प्राप्तकर्ता के पते तरफ कोने में चिपकाना चाहिए जो कि दायें के ऊपर 1 इंच छोड़कर पता लिखा जाता है. फर्जी डाक टिकट का निर्माण भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 263 – क के अंतर्गत दंडनीय अपराध है.

डाक टिकट और स्टेशनरी

 

 

  • डाक का भुगतान आम तौर पर भारत सरकार के अधिकार के तहत भारतीय डाकघर द्वारा जारी डाक टिकटों के माध्यम से किया जाता है।
  • लिफाफे, अंतर्देशीय पत्र कार्ड, पोस्टकार्ड डाकघर द्वारा जारी किए जाते हैं
  • डाकघर केंद्र सरकार द्वारा जारी राजस्व टिकट बेचते हैं। इन टिकटों का उपयोग डाक भुगतान के लिए नहीं किया जा सकता है।
  • डाक शुल्क का भुगतान किसी भी फ्रैंकिंग मशीन स्टाम्प या स्टाम्प द्वारा या कुछ मामलों में नकद द्वारा किया जा सकता है।
  • फिलैटली ब्यूरेक्स को डाक टिकट संग्रहकर्ताओं और स्टांप संग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • भारत के बाहर ऑर्डर भारतीय डाक टिकट ब्यूरो, बॉम्बे जी.पी.ओ.बॉम्बे के माध्यम से निष्पादित किए जाते हैं

फ्रैंकिंग मशीन (Franking Machine):

 

 

  • फ्रैंकिंग मशीन एक डाक स्टाम्प छापने का मशीन है जो निजी व शासकीय दोनों प्रकार के डाक वस्तुओं में डाक शुल्क सहित स्टाम्प लगाने के लिए प्रयोग किया जाता. फ्रैंक की गयी वस्तुयों पर पृथक से डाक टिकट चिपकाने की आवश्यकता नहीं पड़ती.
  • RMFS का फुल फॉर्म Remotely Managed Franking System होता है. फ्रैंकिंग मशीन का प्रयोग करने के लिए डाक विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है. फ्रैंकिंग मशीन का लाइसेंस मंडल अध्यक्ष (डिवीज़न हेड) प्रदान करता है, जोकि पांच वर्ष के लिए वैध (valid) होती है. शासकीय फ्रैंकिंग मशीन का लाइसेंस पोस्टमास्टर जनरल (PMG) जारी करता है.
  • मशीन की लाइसेंस शुल्क 375 रुपये और लाइसेंस वैधता अवधि के 11 माह पूर्व नवीनीकरण कराने पर नवीनीकरण शुल्क भी 375 रुपये है अन्यथा 475 रुपये नवीनीकरण के लिए भुगतान करना होगा.
  • फ्रैंकिंग मशीन पर दो प्रकार की डाई होती है – 1) मूल्य डाई (Value Die), 2) लाइसेंस डाई (Licence Die). डाई एक प्रकार का छाप का डिजाईन है जोकि अलग-अलग आकृति के छाप अंकित होती है.
  • फ्रैंकिंग मशीन तीन प्रकार के व्यवसाय के लिए जारी किया जाता है –
  • 1. व्यक्तिगत
  • 2. व्यावसायिक
  • 3. विभागीय
  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं लेकिन विभागीय लाइसेंस के लिए आवेदन हेतु डाकघर जाना होगा.
  • शुरू में फ्रैंकिंग मशीन को 2000 रुपये से रिचार्ज किया जाता है. इसके बाद कम से कम 1000 रुपये और अधिकतम जितना रुपये का हो रिचार्ज किया जा सकता है.
  • किसी डाक पत्र या पार्सल में फ्रैंकिंग मशीन की चमकीले नीले रंग ( bright blue color) की कम से कम दो जगह छाप होनी चाहिए तभी वह डाक वैध माना जायेग
  • डाक महानिदेशक द्वारा अनुमति प्राप्त फर्म से ही फ्रेंकिंग मशीन को खरीद सकते हैं. मशीन की रखरखाव की जिम्मेदारी फर्म और लाइसेंसधारी की होगी. लाइसेंसधारी को यह यह अनुमति देनी होगी कि विभाग का कोई भी प्राधिकृत अधिकारी मशीन का कभी भी औचक निरीक्षण कर सकेगा.
  • फ्रैंकिंग मशीन में किसी प्रकार का दिक्कत हो तो लाइसेंसधारी इसका प्रयोग करना बंद करेगा और इसे सुधरवाने के लिए डाकघर ले जायेगा.
  • फ्रैंकिंग मशीन के प्रयोग करने की जगह परिवर्तन करना हो तो इसकी पूर्व सूचना मंडल प्रमुख और सम्बंधित डाकघर को देनी होगी.
  • अगर फ्रैंकिंग मशीन के छाप में त्रुटी हो और इसे डाक विभाग को तीन महीने पूर्व बता दिया हो तो अंकित मूल्य का पांच प्रतिशत की डिस्काउंट में दिया जायेगा.
  • सर्किल अध्यक्ष बिना कोई कारण के कभी भी हो फ्रैंकिंग मशीन का लाइसेंस रद्द (cancel) कर सकते हैं. मुख्य पोस्टमास्टर जनरल (CPMG) सर्किल अध्यक्ष होते हैं.
  • फ्रैंक किये डाक वस्तु पर विज्ञापन देने की भी सुविधा है लेकिन इसके लिए मंडल अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी. फ्रैंकिंग मशीन के माध्यम से वही विज्ञापन दी जा सकती है जो लाइसेंसधारी के व्यापार से सम्बंधित हो. विज्ञापन डाक वस्तु के बाएं कोने पर होने चाहिए. विज्ञापन के जितना चाहे वाक्य मंजूर कराया जा सकता है लेकिन डाक वस्तु पर एक से अधिक वाक्य नहीं छाप सकते. विज्ञापन वाक्य में परिवर्तन मंडल अध्यक्ष की अनुमति के बगैर नहीं किया जा सकता
  • फ्रैंकिंग मशीन की लेखा जोखा के लिए दो रजिस्टर रखने होंगे, जिसमें एक तो लाइसेंसधारी के पास और दूसरा सम्बंधित डाकघर के पास होगा, रजिस्टर में रीडिंग की एंट्री की जाएगी. मशीन को सुधरवाने के लिए ले जाने से पहले उसमें लगे डाई को निकालने के लिए दैनिक डाकेट रजिस्टर का प्रयोग करते हैं.
  • मुख्य / प्रधान डाकघर फ्रैंकिंग मशीन से सम्बंधित चार प्रकार के रजिस्टर रखेंगे लाइसेंस धारकों की सूची से सम्बंधित रजिस्टर, अग्रिम भुगतान एंट्री वाला रजिस्टर, मशीन के लेजर रिकॉर्ड वाला रजिस्टर, फ्रैंकिंग मशीन के रीडिंग रिकॉर्ड दर्शाने वाला रजिस्टर.
  • फ्रैंकिंग मशीन लाइसेंसधारी खिड़की वितरण टिकट भी जारी कर सकता है.
  • शासकीय फ्रैंकिंग मशीन के रीडिंग को PRI (Public Relation Inspector) के समान पद या इससे ऊँचे पद के समक्ष विभाग के भवन / मैदान / काउंटर में ही रहकर रिसेट किया जायेगा.
  • शासकीय फ्रैंकिंग मशीन के नीचे दो सीसे की सील लगी होती है जिसमें से एक सील PMRO (Program Management Resident Officer) की और दूसरी सील सम्बंधित विभाग / मंत्रालय के डिस्पैच विभाग के राजपत्रित अधिकारी की होगी.
  • डाक विभाग के डिस्पैच विभाग के राजपत्रित अधिकारी प्रत्येक सप्ताह के अंतिम कार्यदिवस को फ्रैंकिंग मशीन की जाँच करता है और महीने के अंतिम तारीख तक मशीन की रीडिंग सम्बंधित सर्टिफिकेट लाइसेंसधारी को देता है.
  • दैनिक डाकेट से सम्बंधित मशीन की लेजर की एंट्री महीने में एक बार पोस्टमास्टर/नायब पोस्टमास्टर/उप पोस्टमास्टर द्वारा की जनि चाहिए.

डाक का पूर्व भुगतान

 

 

  • सर्किल प्रमुख नकद में डाक के पूर्व भुगतान की अनुमति दे सकते हैं।
  • बड़े शहरों में कम से कम 500 वस्तुओं और छोटे शहरों में 250 वस्तुओं के पूर्व भुगतान के लिए और यह सुविधा पत्र, अंतर्देशीय पत्र, पोस्ट कार्ड, पैकेट, अपंजीकृत पार्सल के लिए उपलब्ध है।
  • डाक शुल्क का भुगतान किसी अन्य डाक सामग्री के लिए नकद सुविधा उपलब्ध नहीं है।
  • पंजीकृत वस्तुओं के लिए विशेष पंजीकरण लिफाफे प्रदान किए जाते हैं ।

क्षतिग्रस्त या विरूपित स्टाम्प

 

 

  • भारतीय दंड संहिता के तहत उस या किसी अन्य उद्देश्य के लिए पहले से इस्तेमाल किए गए टिकटों का उपयोग करके केंद्र सरकार को नुकसान पहुंचाने के इरादे से डाक या डाक शुल्क का भुगतान करना एक अपराध है।

काल्पनिक टिकटें/नकली टिकट

 

 

  • नकली टिकटों का उत्पादन और उपयोग प्रतिबंधित है और भारतीय दंड संहिता की धारा 263- ए के तहत अपराध है।

पैकिंग, सीलिंग, पोस्टिंग के सामान्य डाक चिपकाने के सामान्य नियम

 

 

  • डाकघर गाइड भाग 1 (Post Office Guide Part 1 in Hindi) में धारा 15 पैकिंग, धारा 16 सीलिंग, धारा 17 पोस्टिंग और धारा 23 डाक टिकट चिपकाने से सम्बंधित है.

पैकिंग

 

 

  • प्रत्येक पत्र, पैकेट या पार्सल पर कम से कम दो डाकघर की तारीख की मुहर लगी होनी चाहिए।
  • जो दबाव (स्टैम्पिंग प्रेशर) से क्षतिग्रस्त होने की संभावना है, उन्हें मजबूत कवर में पैक किया जाना चाहिए।
  • पत्र, पैकेट या पार्सल को इस तरह से बंद किया जाना चाहिए कि उनके पास नुकीले किनारे न हों जिससे कर्मियों को चोट या क्षति हो सकती है।

सीलिंग

 

 

  • इन रजिस्ट्री लेखों और पैकेटों के बाहर सील करने के लिए सीलिंग मोम का उपयोग न करें जब तक कि लेखों की सुरक्षा के लिए आवश्यक न हो।
  • विदेशी वस्तुओं के मामले में अनुशंसित सावधानियां आवश्यक हैं, क्योंकि उन्हें कई दिनों तक बहुत गर्म मौसम से गुजरना पड़ता है

सिक्कों की पोस्टिंग

 

 

  • सिक्का, सराफा, कीमती पत्थर, आभूषण, सोने और चांदी के लेख और मुद्रा या बैंक नोट, केवल अंतर्देशीय डाक द्वारा भेजे जा सकते हैं।

लेटर बॉक्स

 

 

  • पत्र, पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र और पैकेट डाकघरों/मेल कार्यालयों में, सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित बक्सों में, मोबाइल डाकघरों में और स्टीमर के लेटर बॉक्स में पोस्ट किए जा सकते हैं और इस उद्देश्य के लिए पूरी तरह से प्रीपेड और विलंब शुल्क का पूरा भुगतान किया जाना चाहिए।

स्पेशल लेटर बॉक्स में पोस्टिंग

 

 

  • केवल पत्रों के लिए ” चिह्नित पोस्ट बॉक्स का उपयोग केवल पत्र और पोस्टकार्ड पोस्ट करने के लिए किया जाता है।
  • डाक टिकट लगाने का तरीका
  • टिकट पत्र या पैकेट पर पूरी तरह से लेखों पर चिपका होना चाहिए, न कि इसकी किसी सामग्री या लेख से जुड़ी किसी अलग लेबल या चीज़ पर चिपका होना चाहिए।
  • डाक टिकट को प्राप्तकर्ता की तरफ दाहिने हाथ के शीर्ष कोने पर चिपकाया जाना चाहिए ।
  • यदि डाक टिकट के अलावा कोई अन्य टिकट चिपका हुआ है, तो उसे स्टाम्प द्वारा रद्द नहीं किया जाता है

डाक टिकटों की न्यूनतम संख्या का उपयोग

 

 

  • डाक टिकटों के माध्यम से डाक का भुगतान करते समय, ग्राहक को उच्च मूल्य के न्यूनतम टिकटों का उपयोग करना चाहिए ।

पता लिखने का तरीका (Methods of Address)

 

 

  • डाकघर गाइड भाग 1 (Post Office Guide Part 1) में धारा 26 से 31 तक डाक पत्र के ऊपर पता लिखने के तरीके से संबंधित है जोकि अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग प्रकार पता लिखने के बारे में बताया गया है.
  • लिखते समय अगर पिनकोड मालूम न हो और डाकघर का नाम ऐसा है जिस नाम से और भी डाकघर हैं तो इस स्थिति में जिले का नाम लिखना चाहिए, अगर एक ही नाम से एक से अधिक जिले है तो राज्य का नाम लिखना चाहिए, मार्ग को नहीं लिखना चाहिए.
  • पते को सही ढंग से लिखने से लेखों के शीघ्र वितरण की सुविधा मिलती है।
  • लेखों पर डाकघर का नाम और पिन कोड लिखा होना चाहिए
  • विदेश भेजे जाने वाले डाक वस्तु पर पता रोमन अक्षर (ABCD) और अरबी अंक (1234) में लिखना चाहिए.
  • प्रेषक का पता निचले बाएँ कोने में पते की ओर लिखा होना चाहिए ।
  • रियायती दरों पर भेजे जाने वाले वस्तुओं के मामले में, वस्तुओं की श्रेणी, अर्थात पते के शीर्ष पर ‘बुक-पोस्ट’, ‘अंध साहित्य’ स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए
  • आईएनएस जहाजों में सेवारत नौसेना कर्मियों के लिए मेल
  • थल सेना और वायु सेना के कर्मचारियों के डाक को 56 APO (Army Post Office) New Delhi और 99 APO Kolkata से भेजनी चाहिए. जहाज पर मौजूद नौसेना कर्मियों के लिए मेल फ्लीट मेल ऑफिस, मुंबई को भेजे जाने चाहिए, नंबर, रैंक, जहाज का नाम का उल्लेख करें।

अनिश्चित पते वाले लेख

 

 

  • डाकघर द्वारा कोई भी वस्तु तब तक वितरित नहीं की जाएगी जब तक कि वह एक निश्चित पता न दे।

प्रेषक का पता जोड़ना :-

 

 

  • प्रेषक का पता निचले बाएँ कोने में पते की ओर लिखा होना चाहिए । क्योंकि अगर लेख डिलीवर न हो जाता है तो इसे बिना देर किए और बिना खोले प्रेषक को वापस किया जा सकता है। प्रेषक के पते को दर्ज न करने के कारण हर साल विभिन्न आरएलओ में बड़ी संख्या में अपंजीकृत लेख नष्ट किए जाते हैं ।
  • भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्री व विशेषाधिकार प्राप्त उच्च अधिकारीयों को उनके पते पर डाक नहीं देना चाहिए बल्कि वे अपने दौरे पर जहाँ भी होंगे डाक वही दिया जाता है. ऐसे विशेषाधिकार प्राप्त उच्च अधिकारीयों की सूची डाकघर गाइड भाग 1 की धारा 206 में दी गयी है. ऐसे अधिकारीयों को उनके कैंप के पते पर डाक भेजने चाहिए.

पोस्ट बॉक्स और पोस्ट बैग (Post box and Post bag)

 

 

  • डाकघर गाइड भाग 1 (Post Office Guide Part 1) की धारा 55 में पोस्ट बॉक्स और धारा 56 में पोस्ट बैग का उल्लेख किया गया है. पोस्ट बॉक्स और पोस्ट बैग क्या है व इसके बारे में सभी जानकारी नीचे पढ़ें .

पोस्ट बॉक्स:

 

 

  • पोस्ट बॉक्स एक गोलाकार लाल बक्सा है जो आमतौर पर बड़े-बड़े शहरों में किसी निजी या शासकीय संस्था के भवन के सामने लगा हुआ होता है. अगर लोग इस संस्था को पत्र भेजते हैं तो पत्र को संस्था के किसी कर्मचारी को न देकर इसी पोस्ट बॉक्स में डाल दिया जाता है फिर एक साथ सभी पत्रों की निकासी की जाती है. जिस संस्था के पास पोस्ट बॉक्स की सुविधा होती है वे अपने पत्राचार पते पर पोस्ट बॉक्स नंबर दर्शाते हैं.
  • पोस्ट बॉक्स में रजिस्ट्री समाचार पत्र को छोड़कर अन्य रजिस्ट्री डाक वस्तुएं नहीं भेजी जाती, इसमें केवल गैर-रजिस्ट्री डाक ही पोस्ट बॉक्स के किरायेदार को भेजे जा सकते हैं, जैसे- अंतर्देशीय पत्र, पोस्ट कार्ड, पुस्तकें और ऐरोग्राम आदि, इन सभी डाक का भुगतान हो गया हो या टिकट चिपका हुआ हो.
  • पोस्ट बॉक्स की सुविधा पाने के लिए सम्बंधित डाकघर से संपर्क करना पड़ता है, यहाँ पोस्टमास्टर पोस्ट बॉक्स के लिए एक आवेदन फॉर्म देगा जिसे लिखित में भरकर जमा करने होंगे. व्यापार के पते की जानकारी सटीक व सही भरना चाहिए, इस बात की पुष्टि करने के लिए आवेदन फॉर्म में दो गवाह के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है.
  • अगर पोस्ट बॉक्स के किरायेदार किन्ही वजहों से अपने व्यापार का स्थान परिवर्तन करता है और पोस्ट बॉक्स को भी परिवर्तित स्थान पर ले जाता है तो इसकी सूचना सात दिन के सम्बंधित पोस्टमास्टर को देनी चाहिए. पोस्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार की खराबी या टूट-फूट हो तब भी इसकी सूचना सम्बंधित पोस्टमास्टर को देनी चाहिए. ऐसा नहीं करने पर पोस्ट बॉक्स का ‘नियतन रोक दिया जायेगा या बंद / रद्द कर दिया जायेगा.
  • पोस्ट बॉक्स का एक वर्ष की किराया या वार्षिक किराया 150 रुपये व तिमाही किराया 50 रुपये है. पोस्ट बॉक्स और पोस्ट बैग दोनों का सुविधा लेने के लिए वार्षिक किराया 250 रुपये और तिमाही किराया 80 रुपये है, चुकाने होंगे. एक ही नंबर के एक से अधिक पोस्ट बॉक्स उपलब्ध कराए जा सकते हैं.
  • पोस्ट बॉक्स के किराये की अवधि उस माह के पहली तारीख से गिने जाते हैं. मानलो 10 तारीख को पोस्ट बॉक्स का किराया जमा किया है तो 1 तारीख से ही गिने जायेंगे और अगले महीने के 1 तारीख को किराया अवधि समाप्त हो जाएगी.
  • पोस्टमास्टर पोस्ट बॉक्स में मिले डाक की छटाई की सुविधा देने के लिए डाक वितरण को 30 मिनट तक रोकने का अधिकार रखता है.
  • यदि पोस्ट बॉक्स का किरायेदार एक सप्ताह तक (7 दिन) पोस्ट बॉक्स से डाक की निकासी नहीं करता / कराता तो सम्बंधित पोस्टमास्टर उस किरायेदार को रजिस्ट्री डाक से नोटिस भेजकर निकासी के लिए कहेगा और ऐसा न करने पर डाकिये के माध्यम से डाक की निकासी करवाएगा.
  • अगर किरायेदार पोस्ट बॉक्स का ताला ख़राब होने पर ताला तोड़ दिया है तो सम्बंधित डाकघर में ताला के कीमत का भुगतान करके नए ताला प्राप्त कर सकता है. अगर चाबी खो जाये तो चाबी का भुगतान करके नए चाबी प्राप्त कर सकता है. या वह चाहे तो ताला व चाबी का भुगतान करके नए ताला चाबी प्राप्त कर सकता है.
  • अगर किरायेदार पोस्ट बॉक्स के किराये की अवधि के 15 दिन के अंदर नवीनीकरण नहीं करता या ताला-चाबी नहीं सौंपता तो पोस्ट बॉक्स के अग्रिम भुगतान की रकम जब्त कर ली जाएगी.
  • यदि पोस्ट बॉक्स में भेजे गये डाक का आकार बड़ा हो और वह उसमें नहीं डाला जा सकने वाला हो तो पोस्टमास्टर ऐसी डाक की एक सूची बनाकर पोस्ट बॉक्स में डलवा देगा और उस डाक को अपने वितरण विभाग में रख लेगा.

पोस्ट बैग:

 

 

  • पोस्ट बेग में बिना रजिस्ट्री डाक जैसे अंतर्देशीय पत्र, पोस्ट कार्ड, समाचार पत्र आदि डाक वस्तु वितरण के लिए रखे जाते हैं.
  • सभी वितरण डाकघर में पोस्ट बैग के माध्यम से डाक वितरण करने की सुविधा होती है. किरायेदार द्वारा पोस्ट बैग किराये पर लिया जाता है, साथ में इसमें ताला चाबी लगी होती है जो पोस्ट बैग को खोलने और बंद करने के काम आती है. पोस्ट बैग में डाक मिलने पर किरायेदार द्वारा इसे ताला चाबी सहित डाकघर को वितरण के लिए दे दिया जाता है. पोस्ट बैग से डाक वितरण के पश्चात् डाकघर पुनः किरायेदार को बैग लौटा देता है.
  • पोस्ट बॉक्स और पोस्ट बैग के किए किराया
  • एक वित्तीय वर्ष के लिए पोस्ट बॉक्स या पोस्ट बैग का किराया – ₹150
  • के लिए पोस्ट बॉक्स या पोस्ट बैग का किराया – ₹50
  • एक वित्तीय वर्ष के लिए पोस्ट बॉक्स और पोस्ट बैग का किराया – ₹250
  • तिमाही के लिए पोस्ट बॉक्स और पोस्ट बैग का किराया – ₹80

लेटर बॉक्स चपरासी के कर्तव्य (Duties of Letter Box Peon)

 

  • डाकघर गाइड भाग 1 (Post Office Guide Part 1 ) में धारा 48 लेटर बॉक्स चपरासी या लेटर बॉक्स पोस्टमेन की ड्यूटी से सम्बंधित प्रावधान दिए गए.
  • लेटर बॉक्स (पत्र पेटी) चपरासी या पोस्टमेन की ड्यूटी यह होती है कि वे लेटर बॉक्स से डाक वस्तुयों को निकालें और उस पर सील मोहर लगाकर वितरण करने के लिए तैयार रखें. डाक वस्तुयों पर लगे डाक टिकट को नष्ट करके वितरण करना चाहिए.

 

सरकारी डाक वस्तुएं (Official Postal Articles)

 

  • डाकघर गाइड भाग 1 (Post Office Guide Part 1) के खंड तीन में धारा 198 से 207 तक सरकारी डाक वस्तुएं (Official Postal Articles ) से सम्बंधित है.
  • सरकारी कर्मचारी जो शासकीय डाक टिकट का उपयोग करने के लिए प्राधिकृत है और डाक वस्तु पर ‘भारत शासन सेवार्थ लिखने के लिए प्राधिकृत है तो ऐसे कर्मचारी की पद नाम की मोहर और हस्ताक्षर डाक वस्तु के बाएं कोने में होने चाहिए.
  • यदि डाक वस्तु के बाएं कोने में सम्बंधित अधिकारी के हस्ताक्षर या पदनाम की सील मोहर न लगी हो तो ऐसे डाक को डाकभार के लिए अमान्य माना जाता है व इसे वितरण भी नहीं किया जाता.
  • शासकीय पार्सल पर पहले ही डाक का भुगतान है, बिना भुगतान किये गये पार्सल का वितरण रोक लिया जाता है. अदत्त पत्र कार्ड और पोस्ट कार्ड में जो भी कमी हो उसी राशि को लिया जायेगा.
  • राष्ट्र भाषा में काम काज कीजिए इसमें आपका मान है देश का सम्मान है। कोई सरकारी कर्मचारी स्थानीय अधिकारी या जनकल्याण से सम्बंधित समिति के अध्यक्ष या सचिव के रूप में डाक वस्तु पर ‘भारत शासन सेवार्थ का प्रयोग नहीं कर सकेगा. बल्कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी स्थानीय या जनकल्याण से सम्बंधित समिति के अध्यक्ष या सचिव पत्र भेजता है तो इसमें ‘भारत शासन सेवार्थ का उपयोग कर सकेगा
  • डाकभार या डाक का भुगतान करने की राशि लिखे हुए डाक को विभागीय अदत्त डाक या भारत शासन सेवार्थ डाक के अंतर्गत वितरण किया जाये तो ऐसे डाक पर पोस्टमास्टर के हस्ताक्षर आवश्यक होंगे.
  • शासकीय डाक वस्तु पर सामान्य डाक टिकट लगाकर पोस्ट किया जाता है तो इसे डाकघर वितरण के लिए रख लेगा लेकिन वहां के डाकघर के प्रभारी (पोस्टमास्टर) के ध्यान में लाया जायेगा. बार-बार यही गलती करने पर मुख्य पोस्टमास्टर जनरल या सर्किल अध्यक्ष के ध्यान में लाया जायेगा.
  • सरकारी डाक लेख जब डाक प्रीपेड या अपर्याप्त प्रीपेड नहीं है, यदि डिलीवरी के समय प्रीपेड नहीं है, तो प्रीपेड दर पर, यदि अपर्याप्त प्रीपेड है, तो अपर्याप्त डाक शुल्क लिया जाएगा।
  • सभी सरकारी अधिकारी जो छुट्टी पर हैं या सेवा से सेवानिवृत्त हैं, सर्विस स्टैम्प का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
  • निजी व्यक्तियों या संगठनों को उनकी आधिकारिक क्षमता में तैनात सरकारी अधिकारियों द्वारा संबोधित पत्र, पोस्टकार्ड और पैकेट आधिकारिक सरकारी डाक लेख के रूप में भेजे जाएंगे।
  • पार्सल, मनीआर्डर, बीमित वस्तुएँ, मूल्यवान वस्तुएँ कैंप बैग द्वारा वितरित नहीं की जा सकतीं
  • अधिकारी के पार्सल मेल कैंपबैग पर लेटर मेल चार्ज, रजिस्ट्रेशन चार्ज और इंसीडेंट चार्ज वसूल किया जाएगा ।
  • कैंप बैग के लिए तीन लेबल का उपयोग किया जाता है
  • डी जी पोस्ट को विशेष बैग और कैंप बैग का विशेषाधिकार प्राप्त है।

 

सामान्य निषेध

 

  • किसी भी मौजूदा कानून के उल्लंघन में पोस्ट की गई कोई भी चीज़।
  • कोई भी अश्लील या अश्लील प्रिंट, पेंटिंग, फोटोग्राफ, लिथोग्राफ, उत्कीर्णन, किताब या कार्ड या कोई अन्य अश्लील लेख।
  • कोई भी पत्र, पोस्टकार्ड, अखबार, पैकेट या पार्सल जिसमें अश्लील, देशद्रोही, जटिल धमकी या घोर आपत्तिजनक प्रकृति के शब्द, डिजाइन, डिजाइन हों।
  • कोई भी नुकीला उपकरण जिसकी ठीक से रक्षा न की गई हो।
  • कोई भी विस्फोटक, ज्वलनशील, खतरनाक, गंदी, हानिकारक या हानिकारक पदार्थ
  • लॉटरी संबंधित टिकट, ऑफर या विज्ञापन
  • किसी व्यक्ति को उस लॉटरी में भाग लेने के लिए प्रलोभन के रूप में लॉटरी से संबंधित या अन्यथा उससे जुड़ा कोई अन्य मामला।
  • प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 के प्रावधानों का अनुपालन न करना
  • सोने का सिक्का या बुलियन या दोनों रुपये 10,000 मूल्य अधिक
  • अंतर्देशीय डाक द्वारा उपरोक्त लेखों का प्रसारण निषिद्ध है

 

हानिकारक वस्तुओं का उपचार

 

  • पोस्टमास्टर को संदेह है कि लेख मेल को नुकसान पहुंचा सकता है या डाक सेवा में कार्यरत कर्मचारी को संदिग्ध लेख को जब्त करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है।
  • यदि पोस्टिंग डाकघर में यह अनियमितता पाई जाती है तो एक बार लेख भेजने वाले को वापिस कर दिया जाता है
  • फिरसे पाया जाता है तो उसे रिटर्न लेटर ऑफिस भेज दिया जाता है

 

प्रतिबंधित वस्तुओं पर उपचार

 

  • यदि कोई वस्तु किसी नियम के उल्लंघन में पाई जाती है, तो उसे प्रेषक को वापस कर दिया जाता है, केवल संदेह के मामले में इसे “संदिग्ध” के रूप में चिह्नित किया जाता है और पताकर्ता की उपस्थिति में खोलने के लिए अग्रेषित किया जाता है।
  • सिक्का, बुलियन, कीमती पत्थरों, आभूषण, सोने और चांदी के लेख या सीमा शुल्क के लिए उत्तरदायी अन्य वस्तुओं से युक्त एक आयातित डाक लेख डाक द्वारा तब तक नहीं भेजा जाएगा जब तक कि सीमा शुल्क का भुगतान नहीं किया जाता है,

 

किसी भी मामले से संबंधित लेख जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिकूल हैं, आदि-

 

  • अध्याय VI के तहत या दंडात्मक सजा के तहत अपराधी या दोषी घोषित किए गए किसी भी व्यक्ति को डाक द्वारा या उसके कवर पर कोई चित्रमय लेख नहीं भेजा जाएगा।
  • यदि ऐसे लेख मिलते हैं, तो उन्हें रिटर्न पत्र कार्यालय को भेज दिया जाता है

 

लेख जिसमें कुछ भी लिखा, मुद्रित, प्रभावित या उससे जुड़ा हुआ है

 

  • एक टिकट जो पहले इस्तेमाल किया जा चुका है, नकली लेख नहीं भेजे जाएंगे
  • यदि ऐसे लेख मिलते हैं, तो उन्हें प्रेषक को भेज दिया जाता है

 

 

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